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फार्मा, कपड़ा, ड्रोन की PLI योजनाओं में होगा बदलाव, अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद इन सेक्टर की पहचान

सरकार जल्द ही निवेश और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए फार्मास्युटिकल ड्रोन और कपड़ा क्षेत्रों के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना में संशोधन कर सकती है। योजना में बदलाव के कारण वितरण राशि बढ़ेगी जो मार्च 2023 तक केवल 2900 करोड़ रुपये थी। इससे अलावा सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले सोल्डरिंग तारों के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानक जारी किए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarPublished: Tue, 19 Sep 2023 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2023 08:36 PM (IST)
1.97 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था।

नई दिल्ली, जेएनएन: सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही फार्मा, ड्रोन और कपड़ा क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) में बदलाव कर सकती है।विभिन्न उत्पादों से जुड़ी योजना के प्रदर्शन पर अंतर-मंत्रालयी परामर्श के बाद इन क्षेत्रों की पहचान की गई है।

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इन उत्पादन पर इस महीने से शुरू होगा पीएलआई

एक अधिकारी ने कहा कि एसी और एलईडी लाइट जैसी वस्तुओं के उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) का वितरण इस महीने शुरू होगा।

योजना में बदलाव की वजह से वितरण की राशि बढ़ेगी, जो मार्च, 2023 तक केवल 2,900 करोड़ रुपये थी। इस योजना की घोषणा 2021 में दूरसंचार, एसी व एलईडी लाइट जैसी वस्तुओं कपड़ा, चिकित्सकीय उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग, वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी माड्यूल, उन्नत रसायन विज्ञान सेल बैटरी, ड्रोन और दवा जैसे 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी।

कितना है बजट

इसके लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था। एक अधिकारी के मुताबिक फार्मा सेक्टर से जुड़े बदलावों में कुछ समय बढ़ाना और कुछ अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त उत्पाद जोड़ा जा सकता है।

अधिकारी ने कहा कि

कपड़ा क्षेत्र में हम तकनीकी कपड़ा खंड में कुछ अन्य उत्पादों की परिभाषा का विस्तार कर रहे हैं। ड्रोन की बात करें, तो हम उसकी संख्या बढ़ा रहे हैं। ड्रोन और ड्रोन कलपुर्जों के लिए पीएलआई योजना के लिए तीन वित्त वर्षों में आवंटित कुल राशि 120 करोड़ रुपये है।

सरकार ने सोल्डर वायर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड तय किए

सरकार ने इलेक्ट्रानिक्स और इंजीनियरिंग उद्योग में इस्तेमाल होने वाले सोल्डर वायर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं।

घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने और इसके घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार इन वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान नहीं हो।

ये आदेश इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे। अभी तक इन उत्पादों पर बीआईएस प्रमाणन नियम लागू नहीं होते थे।

 


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